Wednesday, August 25, 2010

Beautiful song

आखों के परदे पर, प्यारा सा था जो नज़ारा
धुँआ सा बन कर, उड़ गया अब न रहा
बैठे थे हम तो ख्वाबो की छाओं के तले,
छोड़ कर उनको जहा कहा को चले|

कहानी ख़त्म है या शुरुआत होने को है
सुबह नयी है यह या फिर रात होने को है
कहानी ख़त्म है या शुरुआत होने को है
सुबह नयी है यह या फिर रात होने को है

आने वाले वक़्त देगा पनाहे
या फिर से मिलेंगे दो राहे
खबर क्या
क्या पता

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